
बिलासपुर। छत्तीसगढ़ दिशा ज्ञान संरक्षण अभियान के तहत एक दिवसीय ऑनलाइन पेटेंट ट्रेनिंग प्रोग्राम किया गया प्रशिक्षण प्रोग्राम का विषय छत्तीसगढ़ की संस्कृति धरोहर पारंपरिक देशज खाद्य व्यंजन एवं वनस्पतियों के संरक्षण हेतु महायज्ञ था इस मौके पर छत्तीसगढ़ काउंसिल आफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी रायपुर के वरिष्ठ वैज्ञानिक अमित दुबे जी ने बताया वैश्वीकरण के दौर में छत्तीसगढ़ देशज खाद्य वनस्पति संरक्षण के लिए बौद्धिक संपदा अधिकार से पेटेंट कराया जा सकता है इसे वैश्विक बाजार में हमारी वस्तुएं वनस्पति एवं संस्कृत धरोहर की पहचान मिलेगी
ऑनलाइन पेटेंट कार्यक्रम के संरक्षक मार्गदर्शक गुरु घासीदास विश्वविद्यालय के डीन प्रोफेसर पीके बाजपेई ने बताया इस प्रशिक्षण प्रोग्राम में शोधार्थी शिक्षकों को प्रशिक्षण प्राप्त करता पेटेंट की विस्तृत जानकारी मिलेगी उन्होंने बताया पैटर्न के माध्यम से छत्तीसगढ़ की संस्कृति धरोहर देशज खाद्य व्यंजनों वनस्पति के संरक्षण अभियान को मजबूती मिलेगी प्रशिक्षण कार्यक्रम के मुख्य वक्ता अमित दुबे ने छत्तीसगढ़ के विभिन्न प्रकार वनस्पतियों महत्व विधियों पर मुख्य रूप से प्रकाश डाला छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक परंपरा और देशज खाद्य वनस्पतियों के लिए पेटेंट कराया जा सकता है जिसके लोगों को लाभ मिलेगा कई वनस्पतियों प्रयोग पर प्रकाश डाला एक दिवसीय ऑनलाइन पेटेंट ट्रेनिंग प्रोग्राम में केंद्रीय विश्वविद्यालय के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ अमित जैन डॉ रोहित सेठ डॉक्टर अरुण प्रताप सिंह प्रोफेसर पीके बाजपेई के शोधार्थी छात्र तुषार जयसवाल निकिता कैवर्त
दिल्ली विश्वविद्यालय के शोधकर्ता छात्र अजय साव गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय के कई विभाग के प्रोफेसर इस ट्रेनिंग में उपस्थित रहे एवं शंकराचार्य विश्वविद्यालय भिलाई से डॉ मोहन लाल वर्मा जी ने मुख्य अतिथि का स्वागत किया